Rajasthan rajya ke Pratik chinh । राजस्थान राज्य के प्रतीक चिन्ह

administrative law

उपाधिनामतथ्य
राज्य वृक्षखेजड़ी 
वैज्ञानिक नाम:- प्रोसोपिस सिनेरेरिया
सरकार ने 30 अक्टूबर 1986 को खेजड़ी को राज्य वृक्ष घोषित किया इसके फल को सांगरी कहते हैं अन्य नाम राजस्थान का कल्पवृक्ष राजस्थान का गौरव आसाम का कल पत्र आदि है।
राज्य पुष्परोहिडा 
वैज्ञानिक नाम:-  टीकोमेला एंडूलेटा
सरकार ने 31 अक्टूबर 1986 को रोहिडा वृक्ष के फूल को राज्य पुष्प घोषित किया अन्य नाम राजस्थान का सागवान राजस्थान की मरू शोभा मारवाड़ टीक आदि है।
राज्य पशु (वन्यजीव श्रेणी)चिंकारा 
नाम:- गजेला-गजेला
भारत सरकार ने 12 दिसंबर 1986 को चिंकारा को वन्यजीव श्रेणी में राज्य पशु घोषित किया।
राज्य पशु (पशुधन श्रेणी)ऊंट
वैज्ञानिक नाम:-कैमेलस डोमेडेरियस
राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2014 को राजस्थान पशुधन श्रेणी में राज्य पशु ऊंट को घोषित किया उसका दूसरा नाम राजस्थान का जहाज है।
राज्य पक्षीगोडावण 
वैज्ञानिक नाम:- काेरियोटिस नाइग्रोसेप
राज्य सरकार ने 21 मई 1982 गोडावण को राज्य पक्षी घोषित किया यह भारत का दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षी है यह माल मोल्डी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सोन चिड़िया आदि नामों से जाना जाता है।यह मरूउद्यान (जैसलमेर) सौरसेन (बारां) व सौखलिया नसीराबाद (अजमेर) में पाया जाता है। इसका भोजन तारामीरा है तथा यह पक्षी जमीन पर घोंसला बनाते हैं।
राज्य खेलबास्केटबॉल1948 में राजस्थान राज्य का खेल बास्केटबॉल घोषित किया गया।
राजभाषाहिंदी
लोकवाद्यअलगोजाअलघोज़ा लकड़ी के बने उपकरणों की एक जोड़ी है,इसमें दो सम्मिलित चोंच वाली बांसुरी शामिल हैं, एक राग के लिए, दूसरा ड्रोन के लिए।
राज्य नृत्यघूमर नृत्य
राज्य गीत“केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश”मांगी बाई ने पहली बार गाया तथा अल्लाह जिलाई बाई ने मांड राग में इसे गाया।
शास्त्रीय नृत्यकत्थककत्थक नृत्य मांगलिक अवसर पर किया जाता हैं इसलिए इसे मंगलमुखी नृत्य के नाम से जाना जाता हैं।
राज्य कविसूर्यमल मिश्र
राज्य की राजधानीजयपुर
राजस्थान दिवस30 मार्च30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था।
राज्य के प्रतीक चिन्ह

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