मेवाड़ राज्य के राजवंश का इतिहास और महाराणा प्रताप कि वीरता
महाराणा प्रताप 1572 से 1597
- उदयसिंह की मृत्यु के बाद प्रथम बार 1572 में महाराणा प्रताप का गोगुंदा में राज्याभिषेक हुआ।
- महाराणा प्रताप का कुंभलगढ़ दुर्ग में विधिवत रूप से राज्याभिषेक हुआ। समारोह में मारवाड़ के शासक राव चंद्रसेन उपस्थित थे।
- 1570 में अकबर के द्वारा नागौर दरबार का आयोजन किया गया जिसमें मेवाड़ की ओर से किसी भी प्रतिनिधि ने भाग नहीं लिया।
अकबर ने प्रताप को अधीनता स्वीकार कराने के लिए चार शिष्टमंडल भेजें:- जलाल खान कोर्ची – 1572 मानसिंह – 1573 भगवान भगवंत दास – सितंबर 1573 टोडरमल दिसंबर – 1573 |
- चारों शिष्टमंडल प्रताप को समझाने में असफल रहे अकबर ने प्रताप कोपकड़ने की योजना बनाई योजना अजमेर के मैगजीन के किले (दौलत खाना) में बनाई।
- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को हुआ।
- मुगल सेना के सेनापति मानसिंह व सह सेनापति आसिफ खान थे।
- दोनों सेनाओं का सामना गोगुंदा व खमनोर की पहाड़ियों के मध्य हल्दीघाटी नामक स्थान पर हुआ। मेवाड़ी सेना के प्रथम वार में मुगल सेना भाग खड़ी होती है तथा दूसरे डोर में मुगल सेना का पलड़ा भारी रहता है। इस युद्ध में प्रताप का मुकुट झाला बिदा (मानसिंह) ने धारण किया।
- युद्ध के बाद प्रताप के प्रिय घोड़े चेतक की मृत्यु बलीचा गांव के निकट हो जाती है। गांव में चेतक की छतरी बनी हुई है।
- इसी दौरान प्रताप का भाई शक्ति सिंह भी प्रताप की शरण में आ जाता है जो पहले मुगलों की शरण में था। हल्दीघाटी युद्ध के दौरान मुगल सेना के साथ प्रसिद्ध विद्वान और लेखक बदायूनी उपस्थित था।
- बदायूनी ने इस युद्ध का सजीव चित्रण अपनी पुस्तक ” मुंतकाफ- उल- तवारीख ” में किया है। बदायूंनी ने इस युद्ध को गोगुंदा का युद्ध कहां तथा अबुल-फजल ने इस युद्ध को खमनोर का युद्ध कहा।
- कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को मेवाड़ की थर्मोपोली कहा।इस युद्ध में प्रताप की ओर से लड़ने वाला एकमात्र मुस्लिम सेनापति हकीम खां सूरी था जिस का मकबरा खमनोर में है।
- हल्दीघाटी युद्ध के बाद अकबर के द्वारा उदयपुर पर आक्रमण कर उदयपुर का नाम बदलकर मोहमदाबाद रख दिया गया।
कुंभलगढ़ का युद्ध 1578:-
- मुगल सेनापति शाहबाज खान के नेतृत्व में कुंभलगढ़ दुर्ग को पहली बार किसी के द्वारा जीता जाता है इसके बाद शाहबाज खान है 1578 व 1579 में दो बार और मेवाड़ प्रताप को पकड़ने हेतु आक्रमण किया परंतु असफल रहा।
- 1580 अब्दुल रहीम खानखाना के नेतृत्व में प्रताप को पकड़ने हेतु अभियान चलाया गया।
- 1584 में अकबर के द्वारा जगन्नाथ कछ्वाह के नेतृत्व में प्रताप को पकड़ने हेतु अभियान चलाया गया।
- 1585 लूणा चावंडिया को हराकर प्रताप ने चावंड को अपनी आपातकालीन राजधानी के रूप में स्थापित किया।
- मेवाड़ का दानवीर – भामाशाह
दिवेर का युद्ध 1582:-
- मुगल सेनापति तेरी मां सुल्तान खान को प्रताप के सेनापति अमर सिंह के मध्य युद्ध हुआ इस युद्ध में अमर सिंह के द्वारा सलीमा सुल्तान खान को भाले से छेद दिया जाता है और मेवाड़ की विजय होती है।
- कर्नल जेम्स टॉड ने इस युद्ध को मेवाड़ का मैराथन कहा तथा प्रताप के गौरव का प्रतीक कहा।
- 1597 बाडोली (राजसमंद) में महाराणा प्रताप की मृत्यु हो जाती है।
- दुरसा आडा द्वारा प्रताप की मृत्यु का समाचार अकबर को सुनाया जाता है।
अमर सिंह 1597 – 1620
- 1605 में अकबर की मृत्यु के बाद जहांगीर शासक बना और 1608 को अपने सेनापति महावत ख़ां को मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए भेजा।
- 1613 में स्वयं जहांगीर मेवाड़ अभियान के लिए आया और मेवाड़ में कत्लेआम का आदेश दे दिया। अमर सिंह के पुत्र कर्ण सिंह व मेवाड़ी सरदारों के अत्यधिक दबाव के कारण 1615 में जहांगीर व अमर सिंह के मध्य मेवाड़-मुगल संधि हुई।
मेवाड़-मुगल संधि की शर्ते:–
- मेवाड़ का कोई भी शासक मुगल दरबार में उपस्थित नहीं होगा। इसकी जगह पर प्रतिनिधि उपस्थित होगा।
- चित्तौड़ दुर्ग मेवाड़ को सौंप दिया गया परंतु मेवाड़ी शासक उसकी मरम्मत नहीं करवा सकते।
- मेवाड़ मुगलों से वैवाहिक संबंधों के लिए नहीं बाधित होंगे। कर्ण सिंह को 6000 मनसबदारी के साथ मुगल दरबार में उपस्थित रहना पड़ेगा।
- 1620 में अमर अमर सिंह की मृत्यु हो जाती है।
मेवाड़ के साके:- 1303 : रानी पद्मावती (राव रतन सिंह) 1535 : रानी कर्मावती (महाराणा सांगा) 1567-68 : फुल कवर (सेनापति फत्ता) |
कर्ण सिंह 1620 – 1628
- जहांगीर के समय हुए उत्तराधिकारी संघर्ष में खुल्लम शाहजहां को जग मंदिर में शरण दी थी।
#और यह भी पढ़े : मेवाड़ के राजवंश Q&A , GK Quiz
जगत सिंह फर्स्ट 1628 – 1652
- इन्होंने मेवाड़ मुगल संधि का उल्लंघन करते हुए चित्तौड़गढ़ दुर्ग की मरम्मत करवाई। इन्होंने जगन्नाथ जी का मंदिर उदयपुर में बनवाया तथा एक जगन्नाथ प्रशस्ति लिखवाई लेखक कृष्ण भट्ट से।
राज सिंह 1652 – 1680
- राज सिंह के समय औरंगजेब व राजसिंह के मध्य चारुमति विवाह का विवाद हुआ।
- राज सिंह ने राजसमंद झील का निर्माण कराया तथा 25 शिलालेखों की प्रशस्ति “राज प्रशस्ति” उत्कीर्ण करवाई। लेखक रणछोड़ दास भट्ट थे।
- राज सिंह राजू सिंह के द्वारा उदयपुर में अम्बा माता के मंदिर का निर्माण कराया गया, इन्होंने औरंगजेब के जजिया कर का विरोध किया।
- राज सिंह ने “विजय कट काटु” की उपाधि धारण की थी।
- वृंदावन से श्रीनाथजी की मूर्ति लेकर आए गोसाईं बंधुओं को राज सिंह ने शरण दी तथा मूर्ति को नाथद्वारा में स्थापित करवाया।
जय सिंह 1680 – 1697
- जयसमंद झील का निर्माण किसके शासनकाल में हुआ प्राचीन नाम ढेबर झील इस पर सात टापू स्थित है।
- भारत की दूसरी व राजस्थान की पहली मीठे पानी की कृत्रिम झील।
- राजसमंद समझौता
- औरंगजेब व जय सिंह के मध्य समझौता हुआ जिसके अनुसार मारवाड़ के अजीत सिंह की, मेवाड़ द्वारा कोई सहायता नहीं की जाएंगी।
अमर सिंह दितीय 1697 – 1710
- इनके कार्यकाल में मेवाड़, आमेर और मारवाड़ के बीच देबारी समझौता संपन्न हुआ समझौते के अनुसार आमिर व मारवाड़ के वर्तमान शासकों को अपने राज्य का अधिकार वापस दिलवाने में मेवाड़ मदद करेगा।
- मेवाड़ – राज सिंह द्वितीय
- आमिर – सवाई जय सिंह
- मारवाड़ – अजीत सिंह
संग्राम सिंह द्वितीय 1710 – 1734
- उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी नामक उद्यान का निर्माण कराया सीसाराम गांव में बेधनाथ मंदिर का निर्माण के शासनकाल में हुआ।
- हुरडा सम्मेलन (भीलवाड़ा)
- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड़ के जगत सिंह द्वितीय ने की इस सम्मेलन का उद्देश्य मराठों के विरुद्ध राजपूताना के सभी रियासतों के शासकों को संगठित करना था लेकिन अपने-अपने स्वार्थ के कारण यह सम्मेलन असफल रहा।
जगत सिंह द्वितीय 1734 – 1778
- पिछोला झील में जगत निवास महल का निर्माण कराया गया। इन्ही के शासनकाल में मराठों का प्रथम बार मेवाड़ पर आक्रमण हुआ। इनके दरबारी कवि नेकराम ने जगत विलास नामक ग्रंथ की रचना की ने के शासनकाल में अफगानी लुटेरे नादिरशाह का भारत पर आक्रमण हुआ।
#और यह भी पढ़े : मेवाड़ के राजवंश part – 1
भीम सिंह 1778 – 1818
- कृष्ण कुमारी विवाह विवाद:-
- मेवाड़ के भीम सिंह की पुत्री कृष्ण कुमारी का विवाह मारवाड़ के राव भीम सिंह से तय किया जाता है लेकिन मारवाड़ के राव भीम सिंह की मृत्यु हो जाती है जिसके बाद कृष्ण कुमारी का विवाह आमेर के जगत सिंह के साथ तय होता है लेकिन मारवाड़ के मान सिंह के द्वारा इसका विरोध किया जाता है।
गिगोली का युद्ध 1807
परबतसर नागौर में मारवाड़ और आमेर के मध्य युद्ध हुआ। आमिर खान पंडाल की सहायता से आमिर के जगत सिंह किस युद्ध में विजय होती है। आमिर खान पिंडारी द्वारा कृष्ण कुमारी को जहर दे दिया जाता है जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है और यह विवाद समाप्त हो जाता है।
1818 में भीम सिंह के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी की सहायक संधि पर हस्ताक्षर कर दी जाते हैं।
FaQ
मेवाड़ के शासको ने खुदको किसका दीवान कहा ?
उत्तर : – एकलिंगनाथजी का
सिसोदिया वंश का संस्थापक कौन था ?
उत्तर : – राणा हम्मीर
हल्दीघाटी किस जिले में है ?
उत्तर : – राजसमन्द
महाराणा प्रताप के मुस्लिम सेनापति का नाम क्या था ?
उत्तर : – हाकिम खां सूरी
पन्नाधाय ने जिसके जीवन को बचाया, वह था?
उत्तर : – उदय सिंह