वासुदेव चौहान ( 551 ई.)
- वासुदेव चौहान सपालदक्ष (सांभर नगर) चौहान वंश के संस्थापक थे,इन्होंने सांभर झील का निर्माण कराया।
- सांभर के चौहानों की राजधानी अहिछत्रपुर(नागौर) थी चौहानों की उत्पत्ति “ पृथ्वीराज रासो ” में चंद्रवरदाई ने अग्निकुण्ड से होना बताया है।
- महर्षि वशिष्ठ ने आबू पर्वत पर यज्ञ किया अग्निकुण्ड से सर्वप्रथम प्रतिहार, परमार, चालूक्य तथा चौहान शूरवीर उत्पन्न हुए।
- चौहान के देवता हर्षनाथ जी (शिवजी) हैं जिनका मंदिर गूवक ने सीकर में बनाया।
अजय राज चौहान ( 1113 – 1133 )
- अजय राज चौहान एक चक्रवर्ती राजा था तथा उनके शासनकाल में चौहान साम्राज्य का चौमुखी विकास वह विस्तार हुआ।
- अजय राज चौहान ने 1113 में अजयमेरु (अजमेर) नगर बसाया तथा बीठली पहाड़ी पर अजयमेरु दुर्ग या गढ़ बिठली का निर्माण कराया।
- इन्होंने अपने शासनकाल में चांदी के सिक्के चलाएं।
गढ़ बीठली को तारागढ़ , अजयमेरु दुर्ग, अरावली का अरमान, राजस्थान की कुंजी, जिब्राल्टर तथा राजस्थान का हृदय आदि नामों से भी जाना जाता है यहां शाहजहां के पुत्र का दाराशिकोह का जन्म हुआ। |
अरणोंराज (1133 – 1150)
- अरणोंराज का राज्य अभिषेक 1133 में अजमेर दुर्ग में हुआ और इनके दरबार में देवबोध व धर्मघोष नाम के प्रखंड विद्वान थे।
- अरणोंराज ने नागपहाड़ व तारागढ़ के मध्य आनासागर झील का निर्माण कराया जिसके पास जहांगीर ने दौलत बाग का निर्माण कराया।
- इसी बाग में नूरजहां की मां असमत बेगम ने गुलाब के इत्र का आविष्कार किया।
- अरणोंराज की पत्नी कांचन देवी, चालूक्य राजा जयसिंह की पुत्री थी।
- 1150 में बड़े पुत्र जगदेव ने अरणोंराज की हत्या कर दी।
- जगदेव “ चौहानों का पित्रहंता ”
बीसलदेव/ विग्रहराज चतुर्थ
- विग्रहराज चतुर्थ “ कवि बांधव ” — विद्वानों का आश्रय दाता।
- विग्रहराज चतुर्थ का शासनकाल सपालदक्ष के चौहानों का स्वर्ण काल कहलाया।
- बीसलदेव ने संस्कृत भाषा में हरकेली नामक नाटक की रचना की।
- विग्रहराज चतुर्थ के दरबार के विद्वान सोमदेव ने “ ललित विग्रहराज ” तथा नरपति नाल्ह ने बीसलदेव रासो नामक पुस्तक की रचना की।
- राजस्थान की पहली मस्जिद “ अढाई दिन का झोपड़ा ” पर हरकेली नाटक की संस्कृत भाषा में पंक्तियां अंकित हैं यहां पर पंजाब सा पीर का उर्स लगता है।
पृथ्वीराज चौहान तृतीय (1177-1192 ई.)
- पृथ्वीराज चौहान का जन्म 1166 ई. अहिलपाटन,गुजरात में हुआ था पिता सोमदेव व माता का नाम कर्पूरदेवी देवी था।
- 11 वर्ष की आयु में पृथ्वीराज चौहान अजमेर का शासक बना पृथ्वीराज चौहान ने अपने चाचा अपरगान्गयव व नागार्जुन तथा भंडानको का सफलतापूर्वक दमन किया ।
- पृथ्वीराज चौहान ने जयचंद गढ़वाल की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर उससे गंधर्व विवाह किया।
- 1191 ई. में भटिंडा पर अधिकार को लेकर पृथ्वीराज चौहान तृतीय और मोहम्मद गौरी के मध्य “तराइन का प्रथम युद्ध” हरियाणा के करनाल में हुआ तथा पृथ्वीराज चौहान की विजय हुई मोहम्मद गोरी भाग गया।
- 1192 ई.में तराइन का दूसरा युद्ध पृथ्वीराज चौहान और गौरी के मध्य हुआ जिसमें गौरी की विजय हुई पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाकर गजनी ले गया।
- पृथ्वीराज चौहान की छतरी काबुल अफगानिस्तान में है तथा स्मारक तारागढ़ दुर्ग अजमेर में है।
- पृथ्वीराज चौहान के दरबार में चंद्रवरदाई (पृथ्वीराज रासो) तथा जयानक (पृथ्वीराज विजय) जैसे विद्वान थे।
- ख्वाजा मुद्दीन चिश्ती मोहम्मद गोरी के साथ अफगानिस्तान से अजमेर आई थे ख्वाजा साहब की दरगाह हेतु जयपुर के महाराजा जगत सिंह ने जमीन दी।