Gurjar Pratihar Rajvansh। गुर्जर प्रतिहार राजवंश वंशावली

गुर्जर प्रतिहार राजवंश गुर्जर प्रतिहार वंश का शासन छठवीं से दसवीं शताब्दी तक रहा है। प्रारंभ में इनकी शक्ति का केंद्र मंडोर (मारवाड़) व भीनमाल (जालौर) क्षेत्र था, उसके बाद […]

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मेवाड़ का गुहिल (गोहिल) राजवंश। Mevad ka guhil Rajvansh

मेवाड़ के गुहिल राजवंश का इतिहास आहड़ शिलालेख के अनुसार गुहिल ब्राह्मण थे तथा डॉ. गौरीशंकर ओझा एवं वह मुहणौत नैणसी तथा कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार गुहिल सूर्यवंशी थे। […]

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ranthambhor ke chouhan

Chouhan Rajvansh।सांभर के चौहान Part -2

रणथंबोर के चौहान पृथ्वीराज चौहान (तृतीय) के पुत्र गोविंद राज ने रणथंबोर में (1194 ई.) में चौहान वंश की स्थापना की गोविंद राज के बाद उसका पुत्र व वलनदेव तथा […]

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Prithviraj chouhan

पृथ्वीराज चौहान । सांभर के चौहान Part ।

वासुदेव चौहान ( 551 ई.) वासुदेव चौहान सपालदक्ष (सांभर नगर) चौहान वंश के संस्थापक थे,इन्होंने सांभर झील का निर्माण कराया। सांभर के चौहानों की राजधानी अहिछत्रपुर(नागौर) थी चौहानों की उत्पत्ति […]

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bikaner

Bikaner ke rathore। बीकानेर का राठौड़ राजवंश

राव बीका (1465 – 1504 ) राव बीका, राव जोधा का पांचवा पुत्र था, इनको “जाँगलधर बादशाह” कहा गया।    राव जोधा के पुत्र राव बीका ने 1465 ई. में […]

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jodhpur

मारवाड़ के राठौड़ राजवंश । Marwar ke Rathour

जोधपुर का राठौड़ राजवंश जोधपुर का राठौड़ राजवंश कन्नौज के सांसद जयचंद से संबंधित है।    1194 चंदावर के युद्ध में मोहम्मद गोरी से जयचंद की पराजय होती है और गहड़वाड […]

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Mevad Rajya ka Itihas Part -2

मेवाड़ राज्य के राजवंश का इतिहास और महाराणा प्रताप कि वीरता महाराणा प्रताप 1572 से 1597 उदयसिंह की मृत्यु के बाद प्रथम बार 1572 में महाराणा प्रताप का गोगुंदा में […]

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